Friday, January 19, 2007

Ek Soach.....



ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं

ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं

ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..

खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..

दोस्तॊं से दोस्ती तो हर कोई निभाता है..

दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं, मैं..

जो हम उडे ऊचाई पे अकेले, तो क्या नया किया..

साथ मे हर किसी के पंख फ़ैलाना चाह्ता हूं, मैं..

वोह सोचते हैं कि मैं अकेला हूं उन्के बिना..

तन्हाई साथ है मेरे, इतना बताना चाह्ता हूं..

ए खुदा, तमन्ना बस इतनी सी है.. कबूल करना..

मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाह्ता हूं, मैं..

बस खुशी हो हर पल, और मेहकें येह गुल्शन सारा "अभी"..

हर किसी के गम को, अपना बनाना चाह्ता हूं, मैं..

एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..

खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं.


Sushant

2 comments:

  1. Good Yaar !!!!!
    Keep it up!!!

    Satyajit.

    ReplyDelete
  2. khudi ko ka buland itana,
    ki bulandee bhi matha teke.
    chaalo uss vega se pyare,
    tuje ye duniya dekhe..

    ReplyDelete